Thursday, November 27, 2008

30th november - sundayyyyyyyyyyyy

kids masti
no poem

Sunday, November 23, 2008

23rd november - sundayyyyyy

kids dhamaalllllll

21st november opening poem

कहाँ आके रुके थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा
जो मिला उसे याद रख जो नहीं मिला उसे भूल जा
वो तेरे नसीब की बारिश किसी और छत पे बरस गयी
ये दील बेकरार हैं उसे भूल जा
मैं तो गुम था तेरे ही ध्यान में
तेरी आस तेरे गुमान में
सजा भी लगी ये चलती हवा तेरे बिन
मेरी चिंता न कर मुझे भूल जा
कहीं चाक जान कर रफू नहीं
दील के दरद को जो सिल दे
तेरे सिवा मुझे कुछ कबूल नहीं

जो हुआ उसे भूल जा

20th nov opening poem

खुश रहे ये उदास रहे बस वो मेरे आस पास रहे
वो नहीं तो उसकी आस रहे
जैसे झरने को पानी कि प्यास रहे
जब भी कसने लगा उतार दिया
रिश्तो में कुछ फासला ये भी साथ रहे
बेहोश हो गए कुछ सित्रई भी
(वो हैं ही इतनी खुबसूरत _
जो साड़ी उम्र उसके साथ रहे

18th november opening poem

तू हमेशा मेरी पलकों के जरोखो में रहती हैं
पर मेरी बाते क्यों तेरे छोटे से दील में दबी रहती हैं
.........

17th november opening poem

देखा नही उसे करीब से
मीले भी भागा दौडी में
और वो भी नसीब से
काजल अपनी आंखों में लगाती हैं
न जाने रोज़ कीतनो को दीवाना बनाती हैं
.................

16th november - sunday

kids dhamaal

14th november - Jeet came 4 big chai

now show and no poem
Jeet hosted Big Chai

9th november - sundayyyyy

sundayy

2nd november sundayyyyy

sundayyyyyyy