मेरी साँसों मे बसी तेरी खुशबु तो आज भी हैं
दिल कि ये ख्वाहिश कि तुझे रोज़ देखु ये आज भी हैं
फासले कभी इतने भी हो जायेंगे ये सोचा ना था
(मोहब्बत मे कभी कभी बहुत फासले हो जाते हैं दोस्तो )
कि फासले कभी इतने भी हो जायेंगे ये सोचा ना था
तेरे अहसास को तेरी तस्वीर को मैं कब तक देखु
कैसे उस कोहरे से मैं तेरा अक्स तलाशु
कि कैसे उस कोहरे से मैं तेरा अक्स तलाशु
उस धुएँ के आर पार भला मैं कैसे देखु
मेरी बातें तुझसे शुरू होकर तुझ पर ही ख़त्म हो जाती हैं
(होता हैं ना उदयपुर )
मेरी बातें तुझसे शुरू होकर तुझ पर ही ख़त्म हो जाती हैं
समझा नही मैं क्यों ये दुनिया मुझे दीवाना बुलाती हैं
अपने घर के दरवाजे तो ना बदल सका
पर हर खिड़की तेरी गली की और खुल जाती हैं
सच मे नहाकर जब तु जुल्फे बाहर आकर सुखाती हैं
हाय जान निकल जाती हैं
अंगडाई तेरा लेना मेरा कत्ल करती हैं
वो ठंडी हवाएं जब आती हैं
तो दीवाना बनाती हैं
No comments:
Post a Comment