चन्द लम्हे बचे हैं तेरे मेरे साथ के
मुमकिन हैं कि बिछड़ जाए बिन मुलाक़ात के
कल आसुओं की ये सौगात होगी
नए लोग होंगे नई बात होगी
कल आसुओं की ये सौगात होगी
नए लोग होंगे नई बात होगी
मैं हर हाल मे मुस्कुराता रहूंगा
(वादा जो किया हैं ना hmmmm )
मैं हर हाल मे मुस्कुराता रहूंगा
अगर तुम्हारी मोहब्बत हर पल मेरे पास होगी
इन आसुओं को महफूज़ रखना अपनी आंखों मे
इन आसुओं को महफूज़ रखना अपनी आंखों मे
एक दिन तुम्हारी आंखों मे भी आंसुओं की बरसात होगी
मुझे तो तुझसे इतनी मोहब्बत ना थी
(हर प्यार करने वाला यही कहता हैं )
मुझे तो तुझसे इतनी मोहब्बत ना थी
इन धडकनों को भी तेरी इतनी आदत ना थी
पर अब
पर अब हर अदा तेरी मेरी आदत सी हो गई हैं
तेरी हर आदत मेरी ज़िंदगी सी हो गई हैं
तेरी हर आदत से अंकित को मोहब्बत हो गई हैं
लम्हों को सजाकर अपने तकिये के पास रखना
(जैसे अभी रखे हैं कुछ लम्हे आपने तकिये के पास आय हाय )
उन लम्हों को सजाकर अपने तकिये के पास रख लेना
और उस तकिये को अपनी बांहों मे भर लेना
लम्हे वो बीते बहुत याद आयेंगे
एक दिन जब हम ये तेरा शहर छोड़ जायेंगे
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