इश्क अगर कोरे कागज़ पर शब्दों का हो
तो वो आपसे हो
हम बहुत तडपे अब तडपने की अदा किसी कि हो
तो वो आपसे हो
तमन्ना हैं साँसों की
आप बन गए ज़िन्दगी
आज बारिश मे भीग जाऊ
अगर बारिश तेरे घर के सामने हो
बारिश का बरसना और थामना गर आपसे हो
मैं दीवानापन कभी छोडू न अपना
(वो कहती हैं तुम दीवाने हो गए हो बहुत दीवाने हो ऐसे मत किया करो अच्छा नही लगता लोग क्या कहेंगे )
कि मैं दीवानापन कभी छोडू न अपना
गर ये दीवानापन आपसे हो
सज़ा प्यार की चाहे जो दे देना
पर मौत मेरी हो तो बस आपसे हो
इश्क अगर कोरे कागज़ पर फडफडाना चाहे
ये उंगलिया अगर कलम उठाकर कुछ लिखना चाहे तो लिख ना पाए
बस लिखे वही जो कुछ आपसे हो
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