किसके आंसू छुपे हैं फूलो में
चूमता हूँ तो मेरे होठ जलते हैं
एक दीवार वो भी शीशे की
कि दो बदन जब पास पास चलते हैं
नींद से मेरा ताल्लुक नही सदियों से
देखो तेरे ये ख्वाब आकर कैसे मेरी छत पे टहलते हैं
मेरे हाथो के निशां मिलेंगे कदमो तले तेरे
सेहरा की कड़ी धुप में जब तेरे पाँव जलते हैं
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