(आज की ये creation कहने से पहले यही कहूँगा कि कभी कभी आप ज़िन्दगी मे किसी को hurt करना नही चाहते मगर जाने अनजाने वो आपकी बातो से hurt हो जाता हैं , एक बार ज़िन्दगी मे उससे ज़रूर माफ़ी मांगनी चाहिए उसके बाद वो माफ़ न करे तो उसकी इच्छा )
मेरे महबूब की आँखें हैं वो गहरी सी झील
जिसमे खिलते हैं मेरी मोहब्बत के फूल
उसको देखू तो मुझे शायरी करनी आ जाए
और मैं उसके लिए गाऊमोहब्बत गीत
वो मेरा दिल धड़कने की वजह
तुमने शायद मेरे महबूब को देखा नही
मेरे महबूब के झलवो का कोई जवाब नही
धुप सा रंग ख़ुद उसका
ख़ुद उस जैसी हवा नही
उसकी पायजेब मे बरसात का मौसम छनके
(छम छम जब बारिश की बूंदों की आवाज़ आती हैं असल मे वो उसकी पाँव की पायल हैं जो खनकती जाती हैं )
उसकी पायजेब मे बरसात का मौसम छनके
सर पे रेशम का दुपट्टा
न पूछ मेरा दिल कैसे धडके
वो जहा भर की हसीनो से जुदा हैं मेरे दोस्त
मेरे महबूब जैसा कोई कहा ये न पूछ
कुछ उसे फूल कहे पर फूल एक वक्त के बाद मुरझा जाता हैं
वो न चाँद जो कभी कभी आता हैं कभी बादलो मे छुप जाता हैं
वो इस अंकित के दिल का अहसास
जो जाने अनजाने बस इस दिल मे चुपके से समां जाता हैं
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