कभी तेरी हर बात का ज़वाब होता हैं
कभी कुछ कहने को नही होता
कभी ऐसे सवाल करता हैं ये दिल
जिनका कोई जवाब नही होता
चलो आज एक बात दिल पूछता तुम से
हम रूठ जाए तो क्या करोगी
रूठ कर तेरा फ़ोन न उठाये तो क्या करोगी
मैं जब भी करता ये जान कर नही करता
जो दिल हुक्म करता वही मैं हूँ करता
कभी शहर छोड़ जाऊ तेरा तो क्या करोगी
सिर्फ़ एक अहसास सा बन जाऊ मैं तो क्या करोगी
करोगी वही जो इस पल कर रही हो
गुस्से मे कसम से क्या लग रही हो
जब जानती हो ज़रूरी मैं तेरे लिए
तो फ़िर क्यों गुस्सा कर रही हो
ना जाऊँगा तुमसे दूर कभी
वादा ये पक्का करता अभी
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