अब लब्ज़ होठो तक आकर काम्पने लगे हैं
मेरे अपने अब अपने अपने रास्ते नापने लगे हैं
पूरी दुनिया मे एक तु ही लगी अपनी सी
सच कहू सपनो सी
सारी परेशानियों को मेरी अपना समझती हैं
लोग कुछ भी कहे मेरे लिए
पर एक तु ही तो हैं जो मुझ पर जान छिड़कती हैं
ये चाँद तारे नदिया सब कागज़ की बाते
तु चुप कराती हैं मुझे जब होती काली राते
क्यों हर रिश्ता अब तेरे आगे हल्का सा हो गया
तु पता नहीं किसकी होगी
पर ये दीवाना सिर्फ तेरा हो गया
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