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ये तेरी मायूसी मेरी बैचैनी का सबब बन जाती हैं
ये तेरी मायूसी मेरी बैचैनी का सबब बन जाती हैं
ज़िंदगी मे तेरा खफा होना मेरे खफा होने का कारण बन जाती हैं
(ध्यान से सुनियेगा उदयपुर )
तेरी साँसों मे मैं सांस लेता हूँ
तेरी साँसों मे मैं सांस लेता हूँ पर
तेरे इस उदास चेहरे से मेरी हर खुशी
ना जाने कहाँ काफूर हो जाती हैं
मेरे लिए क्या चाँद क्या सूरज और क्या तारे
(मोहब्बत मे महबूब ही सब कुछ लगता हैं )
मेरे लिए क्या चाँद क्या सूरज क्या तारे
तु साथ हो तो लगते हैं सब बडे प्यारे
पर तु रूठा हैं इस कदर खुद से
पर तु रूठा हैं इस कदर खुद से
कि खुदा भी डर जाये
(महबूब जब रूठ जाता हैं तो बडा कमल हो जाता हैं )
पर तु रूठा हैं इस कदर खुद से
कि खुदा भी डर जाये
तु हंस दे इक बार प्यार से
तु हंस दे इक बार प्यार से
खुदा का भी अपने काम मे मन लग जाये
मैं तेरी हंसी पे घायल
मैं तेरी हंसी पे घायल
निराली तेरी हर अदा
तेरी मोहब्बत को मैं अपना समझा
मैं सिर्फ तुझपे फ़िदा
अगर होती मोहब्बत मे किसी की भी हस्ती
(ध्यान से सुनियेगा उदयपुर )
अगर होती मोहब्बत मे किसी की भी हस्ती
तो मैं मोहब्बत के दरबार का दरबान होता
अगर होती मोहब्बत मे किसी की भी हस्ती
तो मैं मोहब्बत के दरबार का दरबान होता
तु जो मेरे पास से गुज़रती
सर झुकेगा सबका इस दरबान का बस यही फरमान होता
सच तुम जैसा प्यार करने वाला नसीब वालो को नसीब होता हैं
बस तेरी ये मायूसी मेरी हर बैचैनी का सबब बन जाती हैं
ज़िंदगी मे तेरा खफा होना मेरे खफा होने का कारण बन जाती हैं
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