भूल शायद बहुत बड़ी कर ली
हमने शायद मोहब्बत से दोस्ती कर ली
भल शायद हमने बहुत बड़ी कर ली
हमने शायद मोहब्बत से दोस्ती कर ली
वो मोहब्बत को खेल कहते रहे
(ज़रा ध्यान से सुनिएगा उदयपुर )
वो मोहब्बत को खेल कहते रहे
हमने ज़िंदगी मोहब्बत से बर्बाद कर ली
सबकी नज़रे बचके देख लिया
कि सबकी नज़रे बचके देख लिया
आंखों आंखों मे बात कर ली
आशिकी मे बहुत ज़रूरी हैं बेवफाई
कि आशिकी मे बहुत ज़रूरी हैं बेवफाई
तो बेवफाई से भी मोहब्बत करके देख ली
हम नही जानते
हम नही जानते चिरागों ने क्यों
अंधेरो से दोस्ती कर ली
(हम नही जानते कि क्यों चिराग अँधेरे से दोस्ती कर लेते हैं )
कि हम नही जानते चिरागों ने क्यों
अंधेरो से दोस्ती कर ली
धड़कने भी हमारी दफन सी हो गयी
ना जाने उसने कब दिल ही दिल मे एक दीवार खड़ी कर ली
ओस को भी ओस का कतरा ना समझना
कि ओस को भी ओस का कतरा ना समझना
हमने तो तेरी चाहत मे उस समंदर से दोस्ती कर ली
इस ख्वाब के माहौल मे बड़ी बेख्वाब हैं आंखें
इस ख्वाब के माहौल मे बड़ी बेख्वाब हैं ये आंखें
ना जाने कब नींद आयेगी ये सोचकर हमने रात से दोस्ती कर ली
इसी उम्मीद मे कि ये दिल अब कभी नही टूटेगा
इसी उम्मीद मे कि ये दिल अब कभी नही टूटेगा
हमने सिर्फ आपसे मोहब्बत कर ली
भूल शायद हमने बहुत बड़ी कर ली
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