चाँद हाथ मे भरकर जुगनुओ को मेरे पास रख दो
चाँद हाथ मे भरकर जुगनुओ को मेरे पास रख दो
मोमबत्ती भी तेरा अक्स बनाती हैं
आज उसे भी मुझसे तोडा सा दूर रख दो
मैं घना अँधेरा हूँ
(ये मोहब्बत हैं महबूब की कही हर बात सच लगने लगती हैं चाहे गुस्से मे कही हो )
कि मैं घना अँधेरा हूँ
आज मेरी पलको पर कोई तो रौशनी रख दो
खुशबुओ से नहला दो मेरे सपनो को
(ध्यान से सुनियेगा उदयपुर )
खुशाबुओ से नहला दो मेरे सपनो को
तितलियों की आँखों पर आज तुम हाथ रख दो
मैं भी एक छोटा मोटा शायर हूँ
मैं भी एक छोटा मोटा शायर हूँ
मुझे भी अपने दिल की बात कहने का बस एक मौका दे दो
मेरी भी बंद हथेली पर तुम अपनी यादो की बर्फ रख दो
(गर्मी बहुत हैं ना उदयपुर )
मेरी भी बंद हथेली पर तुम अपनी यादो की बर्फ रख दो
धुप का हरा बाजरा आग के हवाले कर दो
चाहे कोई मौसम हो
(मोहब्बत मे मौसम नही देखे जाते क्यूंकि ऐसा कहते हैं कि ये मोहब्बत भी बारिश की तरह बेमौसम हो जाती हैं )
कि चाहे कोई मौसम हो हम लौट ही आएंगे
बस एक फूल की पत्ती अपने होठो से मेरे होठो पे रख दो
रोज़ तार कटने से मेरे शहर कि बत्ती चली जाती हैं
(सुनियेगा उदयपुर )
रोज़ तार कटने से मेरे शहर कि बत्ती चली जाती हैं
तुम बस एक प्यार का दीया जलाकर मेरे घर के आँगन मे रख दो
क्या करना हैं मुझे चाँद सितारों से
(हैं जी )
कि क्या करना हैं मुझे चाँद सितारों से
तुम बस पूरे दिन का कोई एक पल सिर्फ मेरे नाम कर दो
चाँद हाथ मे भरकर जुगनुओ को मेरे पास रख दो
No comments:
Post a Comment