Wednesday, April 30, 2008

30 th april opening poem

मेरा सांस लेना और तेरा साथ होना एक ही तो बात हैं
मेरा सांस लेना और तेरा साथ होना एक ही तो बात हैं
तु हैं अगर ज़िंदगी मे शामिल तो फिर मेरा होना ना होना ये एक ही बात हैं
रोशनी मेरी तुम ही हो
(ध्यान से सुनियेगा उदयपुर )
कि रोशनी मेरी तुम ही हो बिन तेरे बस काली रात हैं
मेरा होना ना होना तेरे बाद ये एक ही बात हैं

मेरी इन थकी आंखों को तुम चुम लो
(कहते हैं सब लोग कि मेरी आंखें लाल रहती हैं कई कमबख्त तो इसके लाल रहने कि वजह भी बताते हैं )
मेरी इन थकी आंखों को तुम चुम ल
तसल्ली का होना बस तेरे पास हैं
मेरा खिलखिलाके हंसना हज़ार सपने तेरे लिए तकना
मेरा खिलखिलाके हंसना हज़ार सपने तेरे लिए तकना
तुझे हर जगह महसूस करना यही अब मेरा हाल हैं
इंतज़ार पूरे साल मे करना बारिश का
(ये मौसम कमल ही होता हैं ना जी )
इंतज़ार पूरे साल मे करना बारिश का
तेरे इंतज़ार मे बस तेरा ना होना
मेरी तरह तेरा भी यही हाल हैं
लिखना ख़त तुझे पर कभी दे ना पाना
(हैं जी !! ऐसा कई बार आपके साथ भी हुआ होगा smile करना बंद करिये हाँ जी )
लिखना ख़त तुझे पर कभी दे ना पाना
उन खातो कि अस्थिया रोज़ अपने हाथ से जलाना
प्यार तुझे मुझसे या मुझे तुझसे
ये एक ही बात हैं
मेरा तेरे लिए कभी भूले भटके ही कुछ ले लेना
मेरा तेरे लिए कभी भूले भटके ही कुछ ले लेना
तेरा भूले भटके ही मुझे कभी कुछ कह देना
ये प्यार हैं थोड़ा इधर भी हैं थोड़ा उधर भी
प्यार का होना ज़िंदगी मे बड़ी बात हैं
मेरा होना ना होना ये एक ही बात हैं

No comments: