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Lyric :-
तेरी आँखें क्या बोलती हैं
मेरे दिल के कितने राज़ खोलती हैं
कही अनकही सुनी अनसुनी बातों कि ना जाने क्या परते खोलती हैं
तुने उस दिन हमसे आँखें क्या मिलायी
दिल की बात जो कहीं छुपी हुयी थी
मेरी आँखों मे उतर आये
नीची आँखों से तुने इश्क के बहुत से अश्क सजाये
कि नीची आँखों से तुने इश्क के बहुत से अश्क सजाये
उन अश्को पर बैठकर मैंने ख्वाबो के ना जाने कितने माकन बनाये
फिर एक दिन आँखों ने दिल से बेवफाई कि
एक पानी की परत हमने दिल से उधर लेकर अश्को ने बदलो को दी
बस उसी दिन दिल ने तेरी उन काजल लगी आँखों से बात कि
तुने कुछ नहीं कहा पर तेरी झुकी आँखों ने
दिल का हर राज़ बताया
आँखों को ये समझा दे दोस्त कि ये दिल को ऐसे ना देखा करे
इश्क के राज़ ना बोला करे
जब ये देखे तो दिन निकले
जब ना झुके तो शायद दिन ही ना निकले
दिल कि बाते अधूरी रह जायेगी
हाय ये ज़िन्दगी अपनी एक नाव जैसी हैं
क्या पता कब किनारे का साथ छोड़ जायेगी
पता हैं इश्क कि किस्मत क्या होती हैं
वो अंगारे कि तरह चुपके चुपके सुलगती हैं
मुलाक़ात तो होती हैं सिर्फ चार पालो कि
पर वो सुलगती हैं इश्क कि तरह
पानी डालो तो और भड़कती हैं
मैं चाहता हु कभी ऐसी ही एक राख का धुआ मेरी आँखों पर
बहाना हो धुए का और तेरी याद मे मेरी ये आँखें भर जाये
1 comment:
amazing collection...
Hatz off yaar....
" Kitne dilon ko dhadakna fir se sikhate ho...
Kitne ashkon ko mita..tum muskurahatein late ho...
Ye tumhe pata to hai..phir bhi batede 'Ae Ankit'...
Tum hum sabki..sanson..ankhon..dhdkan..mein baste jate ho..."
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