जो देखा न था दिखाया तेरे प्यार ने
जो पाया न था वो सब दिया तेरे प्यार ने
रोज़ बदलो में धुंधला सा एक चेहरा नज़र आता हैं
इस कदर प्यार सिखाया तेरे प्यार ने
माचिस जलाई रात अंधेरे में तेरा घर ढूंढने को
हाथ पे ये दाग लगाया तेरे प्यार ने सपने
तेरे सिमटे न मेरी आंखों में
न जाने कितने शहर फिराया तेरे प्यार ने
ना जाम याद हैं न अंजाम
डांडिया खेलते खेलते ये क्या बताया तेरे प्यार ने
दीवाने को न कपडे पहनने का ढंग था न आती थी जीने की अदा
(अपनी बात हो रही हैं उदयपुर )
कि दीवाने को न कपडे पहनने का ढंग था न आती थी जीने की अदा
बस उसे साँस लेना और जीना सिखाया तेरे प्यार ने
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