आओ देखे हमने अब तक किस किस को क्या क्या बांटा
हमने कुछ दुःख बांटा और थोड़ा सन्नाटा बांटा
baant chunt कर रोटी जिसने हमे खाना सिखलाया
माँ वो किसके हिस्से आई जब हमने घर का दरवाज़ा बांटा
दिल बस एक ही था मेरे पास
फ़िर क्यों भला मैंने तेरे लिए
अपने घर वालो का प्यार बांटा
जब भारत एक ही हैं भला
तो फ़िर क्यों नक्शे में हमने उसको काटा
क्यों अलग अलग नाम देकर उस भारत को कई टुकडो में काटा
सपने सजाकर मोहब्बत डोली में आती हैं
फ़िर क्यों कभी किसी एक लड़की ने घर का चूल्हा बांटा
मैंने अहसासों के कागज़ लिखकर जिसके नाम कर दिए सारे
फ़िर क्यों उसने हिस्सा हिस्सा पुर्जा पुर्जा मेरे बांटा
मेरे दिल पर छाले हैं तेरी मोहब्बत के लेकिन
देखा हैं मैंने भी एक दिन तेरे पाँव में कोई काँटा
सिर्फ़ ये बता खुशिया तो तू सबके साथ बाँट आया
गम क्यों न तुने मेरे साथ बांटा
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