तेरे दीदार की क्या ख़ाक तमन्ना होगी
जिन्दगी भर तेरी तस्वीर से बातें की
हमने तन्हाई में तन्हाई से बातें की
अपनी सोयी तकदीर से बातें की
(बहुत बातें करते हैं हम रेडियो वाले )
खामोश हम भी रहते हैं कभी कभी
माना नही हम रांझा मगर हमने
हीर की हर बात से बातें की
रंग का रंग ज़माने ने बहुत देखा हैं
हमने तेरी हर बात से बातें की
पता नही किस मुहूर्त में दिन निकलता हैं
पता नही किस मोहरत में शाम होती हैं
जब तेरी याद आए तो न जाने
किस किस से बात होती हैं
हमने उस दिन उस बीती शाम से बातें की
दिल टुटा हो जिसका वो देर में सम्हलता हैं
हमने टूटे दिल वालो से सिर्फ़ तेरी ही बातें की
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