अब किसे चाहे किसे ढूंढा करे
वो भी आख़िर मिल ही गया
बताओ बताओ अब हम क्या करे
हलकी हलकी बारिश होती रही
सोचा हमने भी की अब फूलो की तरह भीगा करे
आँखें मुंड कर इस गुनगुनी सी ठण्ड में बैठे रहे
और देर तक तुझे सोचा करे
दिल मोहब्बत ये दुनिया साड़ी
दिल के हर झरोखे से बस तुझे
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