Saturday, August 30, 2008

19th august closing


सिर्फ़ इतना कहा हैं की प्यार हैं तुमसे

जज्बातों की कोई नुमाइश नही की

चाहो तो भुला देना तुम हमे अपने दिल से

(प्यार मे लडाई होने के बाद किसी को भूलने का दिल करता हैं )

..................................................

.......................................................

......................हमने सिफारिश नही की

खामोशी से तूफ़ान सह लेते हैं जो

उन बदलो से इज़हार की बारिश नही की

तुम्हे ही माना हैं रहनुमा अपना

और किसी चीज़ की ख्वाहिश

अंकित के इस दिल ने नही की

No comments: