मुश्किल होने लगा था उसकी आँखों मे खुद को ना देख पाना
मुश्किल होने लगा था इस दिल को जूठी तस्सल्ली दे जाना
क्यूंकि उससे मिल के रिश्तो को मैं पहचान पाया
वो खुद एक परी सी हैं उसके बारे मे बस इतना जान पाया
मुश्किल होने लगा था
हर बार के दर्द को यूँ हर बार मुस्कुरा के छुपा जाना
उसपे ये बात उसकी कि कुछ कहना नहीं और कभी हर बात कह जाना
उसकी मुस्कराहट उसकी चाहत उसकी आँखें उसकी बातें
उसकी मेहंदी और वो उसका आँचल
वो उसकी जुल्फों का बादल
और उसकी हर बात कैसे भूल जाना
कुछ मुश्किलें अच्छी लगती हैं
पर अब बहुत मुश्किल उसके बिन एक पल भी रह जाना
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