याद हैं तेरा वो हँसाना तेरा वो मुस्कुराना
बिना बात के रूठना तेरा
तेरा बस यूँही मान जाना
वो रंग बिरंगी परिंदों सी तु जब चहकती हैं
मत पूछ मेरी जान मेरे दिल पर क्या बीतती हैं
फिजा मे आवाज़ तेरी गूंजती ऐसे
सौ साज़ बजते हो कहीं दूर जैसे
कोई दिल अपना रोके कैसे
जब तरन्नुम हवाओ से बहती जाती हैं
ए खुबसूरत तु जब रूठ जाती हैं
तो और भी खुबसूरत नज़र आती हैं
तेरी आँखों की हर नज़र तूफानी सी लगती हैं
कशिश तेरे दिल की इस दिल को हर बार दस्ती हैं
जुबां से भले ही खामोश रहे तु
पर तेरी वो नज़ारे हमसे हर बात कहती हैं
तेरे आते ही रोशनी चली आती हैं
बस दिल के अँधेरे को यूँही जगमगाती हैं
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