Friday, August 15, 2008

29th july बातो बातो मे closing poem

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होश मे तो मेरा नाम लेती नहीं
पर नींद मे ज़रूर मेरा नाम लेना
किस तरह बताऊ कि खुशनसीब हु मैं
वो करती हैं प्यार प्यार का नसीब हूँ मैं

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