तेरी मुलाकात को याद करते हैं
इसी तरह रात से दिन और दिन से रात करते हैं
मुस्कुरा के अपने गमो को छुपा लेते हैं
पर तुझे बस एक बार और छुप छुप के देखू
हर पल god से बस यही दुआ करते हैं
ईद चली गयी और ले गयी मेरे साजन को
चाँद को देख कर ईद जल्दी आ जाये बस यही
हर पल दिल से दुआ करते हैं
शुक्र करते हैं हम खुदा का
कुछ पालो के लिए ही सही उसने मुझे तुमसे मिलाया
जुबां कहा कुछ कह पाती हैं आँखों से कुछ कहलवाया
तु तो मिलकर चली गयी
तेरी यादें ना जाने वहा क्यों पसर गयी
हर पल जहां देखू मैं बस तु नज़र आती हैं
ना पूछ हाय जब तु जाती हैं तो दिल पर क्या बीतती हैं
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