कभी तुम इधर से गुज़र के तो देखो
मेरी आँखों से मेरे दिल मे उतर के तो देखो
यहाँ तुमको अपनी मोहब्बत मिलेगी
कभी इन आँखों मे अपनी आँखें दाल कर तो देखो
बहुत गम दिए थे हमे ज़िन्दगी ने
खिलोनो से बहलाकर बहुत रुलाया किसी ने
मगर तुमने आकर मेरे जख्म भरे सारे
निगाहों मे बसा कर कहा अंकित तुम सब से प्यारे
दिए जल रहे थे सितारे बसे थे
मेरे आंसुओ को किसी ने ना देखा
कभी क्या तुम मेरे पास से गुज़रे थे
क्यों रोते रोते मैं चुप सा हो गया
तुने एक बार मुझे प्यार से देखा
और ये अंकित सिर्फ तेरा हो गया
लाख बार मना किया कि इन बिखरे बालो को बाँध के रखा कर
इन पलकों को ज़रा ऐसे ना ढका कर
कभी तुम इधर से गुज़र कर तो देखो
अब इस बात पर भी smile करते हुए ज़रा पास आकर तो देखो
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