Saturday, August 30, 2008

27th august opening

मैं नहीं करता वादा लेकिन कोशिश जारी हर लम्हा हैं
दे सकू आपको सारी खुशिया
बस यही कोशिश जारी हर लम्हा हैं
मैं नहीं दूंगा आपका नाम किसी शायर के नाम को
मैं शायर बनू ना बनू बनेगी दीवानी वो भी एक दिन एक शाम को
बस उस शाम का इंतज़ार जारी हैं
सच्ची मोहब्बत मिले ना मिले
लेकिन मोहब्बत मिलेगी उसके लिए
मेहनत का ये दौर ना जाने कबसे जारी हैं
वो जो लब्ज़ किसी का हाल - ए - दिल हैं
हाय ये हाल ए दिल बस यही कह पाने की कोशिश जारी हैं
मुकाम मोहब्बत का अंजाम बता देता हैं
या कहिये की मोहब्बत का अंजाम होता हैं
बस तुझे देख तेरे कई दीवाने हुए अब मेरी बारी हैं
तभी तो तेरी तमाम यादों से अब इस दीवाने की यारी हैं

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