Saturday, August 30, 2008

19th august opening

दिल ही दिल मे बस तुमको ही प्यार किया
पर कभी ना भी जुबांसे इकरार किया
सोचा कि समझ जाओगे तुम आंखों की बातें
पर तुमने हमेशा इससे इनकार किया
मेरे जज़्बात जो तुम समझ जाते
तो मुझसे एक पल को भी दूर ना रह पाते
एक पल सुन कर देखो मेरे दिल की धड़कन
तुमको बस अपना नाम सुनाई देगा
और ये बारिश रोज़ बरसती होगी
पर अब बरसे तो तुम्हे हर बूंद मे चेहरा अपना दिखाई देगा
मैं इंतज़ार मे हूँ तुम्हे गले लगाने को
अपने दिल मे पुरी तरह तुम्हे बसाने को

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