भूल नहीं पाते उन्हें एक पल के लिए
पर रोया भी नहीं जाता हर एक पल के लिए
मिला जो वो यूँ मिलकर
बिछड़ गया ज़िन्दगी के लिए
अब किसी से दिल लगाया नहीं जाता दिल्लगी के लिए
माना ये बात हर किसी को नहीं लगती अच्छी
पर हर कोई अजनबी याद नहीं रखता दिल लगाने के लिए
यूँ तो खुदा से जो माँगा वो पाया दुआ मे
पर हर दुआ कहाँ कबूल होती हैं किसी को अपना बनाने के लिए
वो आएगा ना कभी लौट कर ये जानते हैं
फिर भी दिल धड़कता हैं हर पल उसे मनाने के लिए
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