Friday, August 15, 2008

5th august closing poem

आज कोई poem पढ़ी ही नही बस कहा हमेशा सपने देखियेगा उन्हें पूरा करने के लिए म्हणत करियेगा क्यूंकि लोग कहते हैं कि सपने पुरे नहीं होते और अंकित कहता हैं कि सपने पुरे होते हैं बस उन्हें पाने के लिए मेहनत करनी पड़ती हैं .

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