Saturday, August 30, 2008

23rd august opening

रह ना पाओगे कभी भूल कर देखो
यकीं ना मेरी बात पर हो तो हमे आजमाकर देखो
हर जगह महसूस होगी कमी हमारी
अपने घर को कितना भी सजा कर देखो
चलो चलते हैं उस जहांमे
जहाँ रिश्तो का नाम नहीं पूछा जाता
धडकनों पर कोई बंदिश नहीं
ख्वाबो पर कोई इल्जाम नहीं लगाया जाता
जिस्म ना हो साथ तो भी क्या
साँसों का हिसाब किसी को दिया नहीं जाता
पर कहाँ होगा ऐसा जहां मुझे मालूम नहीं
हैं तारो पर या सितारों पर
पर क्या करे चाँद तारो पर घर नहीं बसाया जाता
चाँद से प्यार तो बहुत करता हूँ मैं
पर क्या करे चाँद से दिल नहीं लगाया जाता
इसीलिए सारी कायनात छोड़ हम तुझसे प्यार करते हैं
एक ही बात समझ आती हैं
कि ए खुबसूरत तुझसे बहुत प्यार करते हैं

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