Monday, July 14, 2008

10th july opening poem

लोग कहते हैं वो मुझसे जुदा हैं
लोग कहते हैं की वो मुझसे जुदा हैं
पर यूँ मेरी जान मे शामिल हैं उसकी हस्ती
जिस तरह सारे ज़माने मे ये खुदा रहता हैं
वो कहता हैं की भूल गए हम उसको
हर वक्त मेरी आंखों मे फिर क्यों चेहरा उसका रहता हैं
साँस जब भी आती हैं नाम तेरा आता हैं
खुदा जाने ये इबादत मेरी या मोहब्बत मेरी होना कहलाता हैं
मेरी डायरी तो मेरी हैं पर हर डायरी के हर पन्ने पर न जाने क्यों नाम तेरा लिखा जाता हैं
तू पढने जाए तो दो चोटी बनाये पर बालो मे वो clutcher मेरे नाम का लगाए
मन करता हैं तेरे साथ पढने का
but only for girls
यही बोर्ड तेरे स्कूल के बाहर हम पाये

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