हर बूंद मे तेरा चेहरा हर चेहरेमे तेरी छवि
(गौर फरमाइयेगा उदयपुर )
हर बूंद मे तेरा चेहरा हर चेहरेमे तेरी छवि
हर छवि मे तेरी याद
हर याद मे तेरा अहसास
(ऐसा होता होगा न उदयपुर )
कि हर चेहरे मे तेरी छवि और हर याद मे तेरा अहसास
हर आहट मे तेरी उम्मीद
हर उम्मीद मे तेरा इन्तेज़ार
हर इन्तेज़ार मे तेरी प्यास
हर प्यास मे बस तेरे होने की आस
आस तुझे पाने की
मेरा हाथ थाम तेरे साथ दूर तलक जाने की
जाए किसी ऐसी दुनिया मे जहाँ किसी की आवाज़ न आए
थामे तू सिर्फ़ मेरा हाथ
और तेरे काँधे पे पर सर रख कर अंकित कुछ देर के लिए सो जाए
1 comment:
lovely poem,its very touching.
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