Monday, July 14, 2008

14th july opening poem

एक अनजाना सा हुआ दर्द जब महसूस हुआ आपका ना होना
हैं जिंदगी हमारी सिर्फ़ आपकी
आपका ये प्यारा सा साथ हमको ना खोना
जिंदगी से शिकायत नही फिर भी मन उदास हैं
बस हर पल आपका प्यार हो
यही दिल की आस हैं
नही समझा हमको कोई शायद हैं तकदीर मे कमी
हैं प्यार दिल मे फिर भी सहमा सहमा
गुलशन अकेला फिर भी पंछी ठहरा
दर्द तो बहुत होता हैं
अब तेरी यादो से ही मेरा सवेरा होता हैं

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