अब छुप के रोना हमने छोड़ दिया
आंसुओ से दोस्ताना हमने तोड़ दिया
वो हमेशा हमेशा रहते थे हमारे दिल मे
आज शायद उन्होंने भी ये ठिकाना छोड़ दिया
कुछ रही हैं आस तेरे आने की
ये देना दिलासा दिल को हमने छोड़ दिया
रुक गए हैं कदम उस मोड़ पे आकर
कदम ने भी न जाने क्यों पाँव बढ़ाना छोड़ दिया
दिल मेरे अब तो संभाल लो ख़ुद को
कि लोगो ने भी देना अब सहारा छोड़ दिया
दिल मे बस धड़कन हैं तेरी
शायद तेरे जाने के बाद उन्होंने भी धडकना छोड़ दिया
तू आजा कहीं से भी दिल के पास
देखो मैंने देर रात तक अब घर के बाहर रहना छोड़ दिया
No comments:
Post a Comment