मेरी मोहब्बत का अहसास कर गर कर सके
तू भी मुझसे प्यार कर गर कर सके
आदत बदलती हैं फितरत बदलती नही
आदत बदलती हैं फितरत बदलती नही
जैसा हूँ ऐसे ही यार गर प्यार कर सके तो कर
जानता हूँ बहुत कमी हैं मुझमे अच्छाई की
जानता हूँ बहुत कमी हैं मुझमे अच्छाई की
मेरी बुराइयों को प्यार गर सके तो कर
किसी और का ख्याल भी न आने पाये कभी
इतनी मोहब्बत का इज़हार गर कर सके तो कर
मैं तो खाक हूँ और कुछ भी नही
मैं तो ख़ाक हूँ और कुछ भी नही
अपने प्यार से मुझे नायब गर कर सके तो कर
बस तमन्ना हैं हुक्म नही तुझ पर
बस तमन्ना हैं हुक्म नही तुझ पर
मुझपे सच्ची चाहत का इज़हार गर सके तो कर
दो कदम का वादा नही चाहता तुमसे
दो कदम का वादा नही चाहता तुमसे
उम्र भर साथ देने का वादा गर कर सके तो कर
1 comment:
very sensitive poem.....
beautiful
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