ये जानते हुए भी कि वो हवा हैं मेरे हाथ न आएगी
वो बादल सी हैं मेरे देखते ही देखते कहीं दूर उड़ जायेगी
फिर भी मैंने हवा को पकड़ना चाहा
उस बादल को एक बार भाग कर छूना चाहा
जानकर कि ये मोहब्बत गुनाह हैं
ये गुनाह एक बार सच्चे दिल से करना चाहा
गुनाह ये तो मुझसे हो गया
वो तो हंस कर चली गई और
उसकी उस हँसी मे ये दीवाना उसका दीवाना हो गया
वो शाम छत पर आती हैं कभी
इसी सोच मे एक शाम हम भी छत पर जा पहुंचे
कुछ और तो काम था नही
बस मांझा और पतंग लेकर छत पर पतंग उड़ने लगे
पतंग का बिल जब आया तो पता लगा
कि पतंग का बिल चुकाते चुकाते हमारे पर्स का दीवाला हो गया
वो तो कमबख्त हंस कर चली गई
और ये दीवाना सचमुच उसका दीवाना हो गया
वो कभी मन्दिर जाती हैं टहलने के बहाने से
इसी सोच मे मन्दिर जाना हमने भी शुरू कर दिया
मन्दिर पहुंचे तो पता चला
उसे प्यार सिर्फ़ तुझसे
और ये दीवाना तुझसे प्यार करते करते सारे शहर मे मशहूर हो गया
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