Monday, July 14, 2008

9th july opening poem

कभी तो उनकी पलकों पे इकरार होगा
कहीं दिल के किसी कोने मे गुस्से मे छिपा हमारे लिए प्यार होगा
गुज़र रहे हैं दिन रात उनकी यादो मे
कभी तो उन्हें भी इस दिल से प्यार होगा
झुका लेंगे पलके हम भी उन्हें देख कर
(हम भी भाव खायेंगे यार )
कि झुका लेंगे पलके हम भी उन्हें देख कर
हमारे लिए सदा से तो
एक पल के लिए सही उनको भी हमसे प्यार होगा

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