Tuesday, July 15, 2008

15th july opening poem

मेरे दिल -ऐ हालत कौन सुनेगा
कौन मेरा हैं जो मेरे साथ चलेगा
कुछ ख्वाब पुरे हुए पर कुछ अधूरे से रह गए
उन अधूरे ख्वाबो की बहुत सी बातें अब कौन सुनेगा
किताबो के पन्नो मे लिखे थे जो अरमान
वो सब वक्त की बारिश मे धुल गए हैं
कौन उनको फिर लिखेगा
ऐसा कौन हैं जो अब मेरे साथ चलेगा
इस शहर मे कितने सारे दोस्त थे
पर मेरे बनते ही कुछ अजनबी हो गए
कुछ जानकर मुह मोड़ गए
अब कौन हैं मेरा जो मुझे अपना कहेगा
कौन हैं मेरा जो अब मेरे साथ चलेगा
कोई और हो न हो
बस अब इस उदयपुर के साथ ही
अब मेरा हर दिन चलेगा

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