मैंने कब कहा कि वो जिंदगी मेरे नाम करे
बस मुझे समझे इतना सा मेरा काम करे
हर रोज़ कुछ लम्हे मुझे .....
मुझे अच्छा लगता हैं तेरे संग संग चलना
मैंने कब कहा कि तू रोज़ मेरे साथ चले
कभी कभी रूठ जाना तेरा मुझे अच्छा लगता हैं
मैंने कब कहा कि तू जब मुझे देखे देखती रहे
मुझे अच्छा लगता हैं ...................
मैंने कब कहा कि तू रोज़ मुझे देखे
जवाबो मे तेरे सवालो मे तेरे
मोहब्बत के सब अल्फाजो मे तेरे
बस अपनी जिंदगी ............................
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