तेरे जाने के बाद क्या कहू क्या रह गया
बस सिर्फ साँसे चलती रही नाम का मैं रह गया
लोग घूम घूम कर तेरे घर के चक्कर लगते रहे
मेरी जेब मे बस बारिश मे भीगा हुआ तेरे घर का पता रह गया
वो मेरे सामने ही गया था मुझसे दूर
और मैं था कि सड़क की तरह बस
उसे देखता रह गया
जूठ बोलने वाले कहीं से कहीं पहुँच गए
मैं बस रोता रोता सच बोलता रह गया
हाँ जानता हूँ आंधियो के इरादे अच्छे ना थे
ये दिया फिर कैसे जलता हुआ रह गया
वो कुछ बातें होठो से बोलता रहा
कुछ जाते जाते आँखों से कह गया
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