Monday, June 30, 2008

26th may opening poem

जिसे करनी हैं तेरी बात करे
वरना मुझे से न कोई बात करे
हवा भी नगमे गावे तेरे
मौसम भी बस तेरी ही बात करे
होठ मेरे खामोश रहे
पर आँख जब झपके तो तेरी ही तस्वीर दिखे
मैं तुमसे इज़हार-ऐ प्यार करू
तो प्यार भी तेरी ही बात करे
हसरते हैं हाय दिल मे ये
की हर हसरत भी बस तुझ से ही मुलाकात करे
साथ मेरे कोई रहे न रहे
बस हर याद मे तेरा ही साथ रहे
खो जाऊ मैं एक ख्याल बनकर
बस तेरे ही ख्याल मे
बस खुदा मुझे ऐसे ही प्यारे ख्याल का
एक ख्याल दे

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