फ़िर तेरी याद आई फ़िर ज़ख्म मुस्कुराये
आ फिर से लौट आ की तुझे हम एक पल को न भूल पाये
उस शाम को अब भी तेरा इन्तेज़ार हमदम
दिल धुन्धता हैं तुझको तेरी हर बात की डोली सजाये
वादों का क्या भरोसा वादे तो बस फरेबी
हैं बात हमारी कि हम
एक दिन ज़रूर इस दुनिया को कुछ बन कर दिखाए
मत पूछ क्या हाल था चाहत के बाद अपना
बस रो रहे थे सपने पर तेरे गम मुस्कुराये
तू दूर हमसे हंसकर जा रहा था
तो आँख मे तेरी क्यों कुछ अश्क झिलमिलाये
नींद से पूछ लेना उन हसरतो की बात
जब प्यार बनके हर रात तू मेरे ख्वाब मे आए
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