एक नज़र देख कर हम जान गए
आप क्या हैं हमारे लिए हम पहचान गए
फ़िर भी जिंदा हूँ ये अजब बात हैं
कब से वो लेकर मेरी जान गए
तुम तो ए थे मिलाने किसी और से
पर हम दिल से गए ईमान से
तेरी अदा करती तुझे दुनिया से जुदा
तेरी वो बालो की लटे
वो तेरा नज़ारे झुका झुका कर बात करना
वो तेरा कहना नही कहना
जो न कहना वो उन नज़रो से कहना
जिस राह पर फ़रिश्ते भी न पहुंचे
तुझे एक पल देखने के बाद हम वहा पहुंचे
गए जान से ईमान से
दीवाना उस दिन से लोग कहते हैं
हम चुप कभी कभी
कभी कभी हम भी चुप चुप रहते हैं
No comments:
Post a Comment