दिल अक्सर यही करता हैं ख्वाइश
की अगर तुम हम ख्वाब होते
तारे टूटने का अफ़सोस तो तब भी होता
पर तब शायद इस तरह हम न रोते
तब अपनी ख्वैशो के बगीचों मे
कुछ और उम्मीदों के बीज बोते
ये तड़प का दर्द न होता दिल मे
किसी और ख्वाब के कोई और रास्ते होते
तन्हैया जब कचोटती हमे
किसी के लिए तब हम भी सपने होते
फक्र होता अपनी मोहब्बत पर हमे
बस छुप छुप कर न तकिये मे मुह दाल कर रोते
पर तुम एक हकीकत हो ख्वाब नही
पर काश तुम एक ख्वाब होते
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