कभी हर हँसी पे आता हैं गुस्सा
कभी सारे जहाँ को हंसाने को दिल चाहता हैं
कभी छुपा लेता हैं गमो को भी ये दिल किसी कोने मे
कभी किसी को फ़ोन लगा के सब कुछ सुनाने को दिल चाहता हैं
कभी रोता नही ये मन किसी बात पर
कभी यूँही आंसू बहाने को दिल चाहता हैं
कभी लगता हैं बहुत अच्छा आकाश मे उड़ना
कभी किसी कि हर बात मानने को ये दिल चाहता हैं
कभी किसी सागर की लहरों से डरता हैं ये दिल
कभी उन्ही लहरों मे समां जाने को ये दिल चाहता हैं
कभी लगते हैं अपने बेगाने से
कभी किसी बेगाने को अपना कहने को ये दिल चाहता
जिनके साथ रहो जिंदगी भर उन पर कभी प्यार नही आता
कभी किसी अनजाने को प्यार करने को ये दिल चाहता हैं
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