आगाज़ तो होता हैं अंजाम नही होता
जब मेरी कहानी मे उसका नाम नही होता
आगाज़ तो होता हैं अंजाम नही होता
जब मेरी कहानी मे उसका नाम नही होता
जब जुल्फ की कालिख घुल जाए कहीं
बदनाम साहिल होता हैं पर वो गुमनाम नही होता
एक मौका दे जिंदगी तेरे पास आने का
तेरा हाथ छूने का
मगर ये इनाम हर किस्मत मे
हर शक्स के साथ नही होता
बहते हैं आंसू जब भी तेरी आंखों से
हम उन्हें थाम लेते हैं
पर मेरा पैगाम कोई तुझ तक न पहुंचाए
फिर वो पैगाम नही होता
करवाते बदलती हैं रात साडी चाँदनी के साथ
चाँदनी कहाँ चली जाती हैं
सूरज पे आने पे कहाँ छुप जाती हैं
प्यार बहुत करती हैं पर उस चाँदनी का कोई नाम नही होता
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