आंखों मे कई सपने सजाकर रोये बहुत हैं हम
दिल को एक नई दुनिया दिखाकर रोये बहुत हैं हम
वो बदल गया तो हमने भी फेर ली नज़र अपनी
पर उसके खातो को जलाकर रोये बहुत हैं हम
जिन पेडो की छाँव मे हमने की थी बहुत सी बातें
उन बागो मे जाकर रोये बहुत हैं हम
हौंसला टूटने का हो तो वफ़ा करना किसी से
ये बातें लोगो को सुनकर रोये बहुत हैं हम
फ़िर यूँ हुआ की आंखों ने कई रात जागते हुए बितायी
पलकों पे तेरी याद बिठाकर रोये बहुत हैं हम
वो आज मुझसे मेरे दर्द की वजह चाहता हैं
जिसकी बातें औरो को सुनकर रोये बहुत हैं हम
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