Monday, June 30, 2008

26th june evening poem

आ भी जाओ की जिंदगी कम हैं
तुम नही हो तो हर खुशी कम हैं
वादा करके ये कौन आया नही
शहर मे आज मेरे शायद रोशनी कम हैं
जाने क्या हो गया हैं मौसम को
धुप ज्यादा हैं लेकिन चाँदनी कम हैं

आइना देख कर ये ख्याल आया
कि आजकल किसी के दिल मे दोस्ती कम हैं

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