तेरी यादों के बिना कोई लम्हा गुज़ारा नही
एक पल नही जब हमने तुम्हे पुकारा नही
मेरी नाकामियों का इतना भी गम न कीजिये
अगर तू जीता हैं तो मैं हारा नही
तेरी यादें कैसे उतर जाए चहरे से
तुझे तो मैंने अब तक दिल से उतारा नही
कर रखा हैं जिसने सरे घर मे उजाला
वो आंसू हैं मेरे कोई टुटा तारा नही
किसको गले लगाकर अब रोये हम
तू हैं साथ तो आंसू नही
तेरे जाने के बाद कोई हमारा नही
मर्जे इश्क हैं ख़ुद गुलाम तुम्हारा
तुम्हे याद करना तुझ को मिस करना
मेरे पास और कोई चारा नही
रोज़ सोचता हूँ तुझसे कैसे करू बात
पर बहनों पर ज़ोर आज़माइश करू
मैं ऐसा दीवाना नही
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