हर मोड़ पर जख्म खाती हैं ज़िन्दगी
कभी दर्द तो कभी खुशी से मिलवाती हैं ज़िन्दगी
कभी आंसू पी जाती हैं कभी
हर ज़ख्म मे कुछ नई बात सिखाती हैं ज़िन्दगी
कभी हर साँस बोझ लगती हैं
कभी सिर्फ़ तु ही अपनी लगती हैं
कभी किसी महल के जैसी
तो कभी खँडहर सी लगती हैं
कभी अमावस तरह सारी रात अँधेरी हो जाती हैं
तु हैं मेरी इन हालातो से जुठ्लाती हैं ज़िन्दगी
कभी दर्द से कराहती कभी कंधे थपथपाती हैं ज़िन्दगी
कभी अपने साथ नही देते
कभी पराये जीने नही देते
उम्र के हर पड़ाव पर कितनी ही ठोकरे सिखाती हैं ये
पर हर ठोकर पर बहुत हिम्मटी दिलाती हैं ज़िन्दगी
कर लो दीदार सुनहरे कल का
बस ज़िन्दगी से ढूंढ़ लो एक डगर
जब पक्का होगा इरादा दिल का तो
बड़ा ही आसन होगा ये सफर
(हैं ना ?? )
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