Monday, June 30, 2008

30th june opening poem

मोहब्बत किसको कहते हैं हमे तुमने सिखाया था
मोहब्बत किसको कहते हैं हमे तुमने सिखाया था
इबादत किसको कहते हैं ये भी तुम्ही ने बताया था
मगर जब हम बारिश मे भीग किसी के ख्यालो मे खोये थे
मगर जब हम बारिश मे भीग किसी के ख्यालो मे खोये थे
तब भीगी जुल्फों से पानी मेरे face पे बरसा कर तुम्ही ने जगाया था
हमे तनहा भी किया और कोई आवाज़ तक न दी
हमे तनहा भी किया और कोई आवाज़ तक न दी
हमने खोजा तो बहुत तुम्हे
उन भागती चंचल सी आंखों मे
तुम बहुत ही दूर जा निकले इस दुनिया की भागदौड़ से
हमे तो उम्र लग गई पूरी तेरी तरफ़ चार कदम चलने मे
खेल मोहब्बत का अब फ़िर न खेला जाएगा
ये दिल अब तेरे हवाले तेरे पास ही रह जाएगा

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