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कुछ ऐसे तुम मुझसे नज़ारे मिलाना
दिन का हर पल हर लम्हा मुझे सच्चा लगे
ऐसा पुरे दिन मे से कुछ वक्त मेरे साथ बिताना
जब तुम साथ होती हो
क्या कहू कि दिल से क्या बात होती हैं
हँसी मेरे होठो से कभी न जाए
ऐसे कुछ पलो के लिए सारी दुनिया को भूल
एक पल मेरे लिए मुस्कुराना
हो जाए मुझे खुशियों की आदत
(न जाने कब होगा ऐसा )
कि हो जाए मुझे खुशियों की आदत
कुछ ऐसे मेरी जिंदगी मे आके
मेरी जिंदगी से मेरे सारे गमो को मिटाना
मुझे भी लगे सपने जगाने
कुछ ऐसे हर रात ख्वाब मे आकर मुझे नींद से जगाना
आहिस्ता से मेरी चप्पल पहनना और
मेरा हाथ थाम कर मुझे भी बताना
मुझे भी तारे गिनना सिखाना
आँखें बंद कर किसी का अहसास करना बताना
मुझे भी इन्तेज़ार का मतलब बताना
मुझे मेरी हर कविता मे छुपी वो बात बताना
कभी मुझे भी ख़ुद से प्यार करना सिखाना
मुझे भी औरो से प्यार करना सिखाना
कभी दूर न जाना
कभी मेरे पास से ना जाना
कभी उस पाल पर अकेले न टहलना
हर शाम मुझे शाम होने का मतलब बताना
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